देहरादून – सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधा, आत्मनिर्भर

नगर निगम देहरादून
मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी, आत्मनिर्भर वार्ड – नथुआवाला
समस्या विवरण
हर दिन उत्पन्न होने वाले 3 टन कचरे को शिशंबरा लैंडफिल साइट पर डंप किया जाता था, जिससे पर्यावरणीय खतरा बढ़ रहा था और वहां के निवासियों को भारी असुविधा हो रही थी।
नवाचार
विकेन्द्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (SWM) को बढ़ावा दिया गया, जिससे कचरे का निस्तारण, उपचार एवं सुरक्षित निपटान स्थानीय स्तर पर किया जा सके। इसमें नागरिक समूहों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई तथा कचरा बीनने वालों को उनकी आजीविका से जोड़कर मुख्यधारा में शामिल किया गया।
मुख्य सीख
विकेन्द्रीकृत SWM मॉडल उन शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के लिए सबसे उपयुक्त है, जहां प्रतिदिन 10-15 टन से कम कचरा उत्पन्न होता है। 5 टन की क्षमता वाला एक स्वच्छता पार्क स्थापित किया जा सकता है।
प्रभाव
शून्य लागत पर शून्य कचरा नीति से ULB को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं
95% से अधिक स्रोत पर कचरा अलगाव
प्रति दिन 3 टन कचरा लैंडफिल में जाने से रोका गया
संचालन लागत विभिन्न राजस्व स्रोतों से पूरी की जाती है
मान्यता
भारत सरकार के आर्थिक मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित
एम ओ एच यू ए द्वारा “75 शहरों की कहानियाँ – स्वच्छता की यात्रा 2024” में प्रकाशित
लाभार्थी:
संपत्ति कर
लाभ:
व्यापार लाइसेंस
आवेदन कैसे करें
https://nagarsewa.uk.gov.in/common/